Admission to Online Pāli Hindi Certificate Course 2025 Now Open.
https://forms.gle/E1nPeh3ana1GCRaM8
Link will remain open from 1st March to 31st March 2025
वि.आर.आय के बारे
सतिपट्ठान शिबीरों के दौरान, गोयन्काजी गुरूजी ने देखा कि बुद्ध के शब्दों का अध्ययन करने वाले छात्र (परियत्ति), अपने ध्यान साधना (पटिपत्ति) में उन शब्दों को लागू करते समय प्रोत्साहित और कृतज्ञता से भरे हुए थे।
छात्रों ने, बुद्ध के शब्दों की अनुभवात्मक समझ के कारण, अपनी समझ और ध्यान को मजबूत पाया। स्वाभाविक रूप से, उनमें से कुछ ने आगे अध्ययन करने के लिए प्रेरित महसूस किया, और यह अवसर प्रदान करने के लिए, विपश्यना विशोधन विन्यास की स्थापना की गई।
विपश्यना रिसर्च इंस्टिट्यूट (वीआरआई), एक नॉन-प्रॉफ़िट संस्था हैं। १९८५ में विपश्यना ध्यान तकनीक के मुलभूत स्रोतों (sources) और अनुप्रयोगों(applications) में वैज्ञानिक अनुसंधान(research) करने के प्रमुख उद्देश्य से स्थापित की गई।
वीआरआई ने, भारतीय और विदेशी छात्रों के लिए, एक साथ पालि भाषा में आवासीय –(Residential), बेसिक और एडवांस कोर्स संचालित किए हैं ।
संस्थान का काम निम्नलिखित मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है:
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तिपिटक में विपश्यना के स्रोतों (Sources) की खोज करना
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पालि भाषा में पाठ्यक्रम संचालित करना
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दैनिक जीवन में विपश्यना के अनुप्रयोग(application) और समाज पर इसके प्रभाव पर व्यावहारिक शोध करना
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विपश्यना से संबंधित पुस्तकें एवं अन्य प्रेरक सामग्री का प्रकाशन करना
२०२० में कोविड महामारी के बाद वीआरआई अब ऑनलाइन पालि कार्यशालाए आयोजित करता आ रहा है।
अधिक जानकारी के लिए देखिए https://www.vridhamma.org/